What is form of drain of wealth in British India
During the British colonial period in India, there were several forms of drain of wealth that impoverished the country and its people. Some of the major forms of drain of wealth in British India include:
Land Revenue: The British imposed heavy taxes on landowners and peasants, and the revenue collected was sent back to England. This drained a significant amount of wealth from the Indian economy.
Deindustrialization: The British policies destroyed the indigenous Indian industries, which were replaced by imports of British manufactured goods. This led to a loss of jobs, income, and wealth for the Indian people.
Trade Policies: The British implemented trade policies that favored British merchants and manufacturers at the expense of Indian producers and traders. This led to a significant drain of wealth from India to Britain.
Drain of Wealth from Tribute and Looting: The British extracted tribute and looted the Indian economy, including the massive plunder of wealth from the Bengal region during the Great Bengal Famine of 1770.
Overall, these policies led to the impoverishment of the Indian economy and its people, while enriching the British empire.
ब्रिटिश भारत में धन निकासी का क्या रूप है?
भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान, धन की निकासी के कई रूप थे, जिसने देश और इसके लोगों को दरिद्र बना दिया। ब्रिटिश भारत में धन की निकासी के कुछ प्रमुख रूपों में शामिल हैं: भू-राजस्व: अंग्रेजों ने जमींदारों और किसानों पर भारी कर लगाया, और एकत्र किए गए राजस्व को इंग्लैंड वापस भेज दिया गया। इसने भारतीय अर्थव्यवस्था से एक महत्वपूर्ण मात्रा में धन की निकासी की। विऔद्योगीकरण: ब्रिटिश नीतियों ने स्वदेशी भारतीय उद्योगों को नष्ट कर दिया, जिनकी जगह ब्रिटिश निर्मित वस्तुओं के आयात ने ले ली। इससे भारतीय लोगों के लिए नौकरियों, आय और धन का नुकसान हुआ। व्यापार नीतियां: अंग्रेजों ने भारतीय उत्पादकों और व्यापारियों की कीमत पर ब्रिटिश व्यापारियों और निर्माताओं का पक्ष लेने वाली व्यापार नीतियों को लागू किया। इससे भारत से ब्रिटेन के लिए धन की एक महत्वपूर्ण निकासी हुई। श्रद्धांजलि और लूटपाट से धन की निकासी: अंग्रेजों ने 1770 के महान बंगाल अकाल के दौरान बंगाल क्षेत्र से धन की भारी लूट सहित भारतीय अर्थव्यवस्था को श्रद्धांजलि दी और लूट लिया। कुल मिलाकर, इन नीतियों ने ब्रिटिश साम्राज्य को समृद्ध करते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके लोगों की दरिद्रता को जन्म दिया।
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